वि. सं. २०८० आषाढ़ वद ९
२९-०७-२०२४, सोमवार
गीतार्थ गंगा, अहमदाबाद
समेतशिखर तीर्थ रक्षा हेतु
जाहिर निवेदन
विश्व की सर्वोत्तम कल्याणकभूमि श्री समेतशिखरजी महातीर्थ की पवित्रता को सरकार बार-बार गंभीर नुकसान पहुंचाती आई है। इतना ही नहीं, तीर्थ की पवित्रता को घायल करनेवाले दूसरों को रोकती भी नहीं है। सरकार द्वारा पवित्रता की रक्षा हेतु सन् २०१८ में दिए गये ओफिस मेमो के बावजूद भी, थोड़े ही समय पहले झारखंड के खुद मुख्यमंत्री द्वारा दी गई पशुबलि, गिरिराज पर निर्मित स्कूलों में परोसे जा रहे अंडे, टुरिझम के नाम पर की जाती तरह तरह की अनुचित प्रवृत्तियाँ – तीर्थ की पवित्रता पर हुए सरकारी आक्रमणों के प्रत्यक्ष प्रमाण है। नतीजन, २०-२० तीर्थंकरो की निर्वाणभूमि की पवित्रता को हो रही अकल्पनीय हानि दशकों तक मूक दर्शक बनकर हमे देखनी पड़ी है।
इस समस्या का शीघ्र निवारण हो, ऐसे शुभ आशय से – शिखरजी तीर्थ रक्षा हेतु तीस वर्षों से निरंतर अट्ठम के पारणे पर अट्ठम की आराधना कर रही उग्र तपस्विनी सुश्राविका दर्शनाबेन नयनभाई शाह द्वारा एक Interim Application (अंतरिम याचिका) २२/०७/२०२४ के दिन सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। जिसमें शिखरजी तीर्थ की पवित्रता को भारी धक्का पहुंचाने वाले कृत्यों के विस्तृत प्रमाण प्रस्तुत करने के साथ उन्हें रोकने की मांग की गई है। यह अंतरिम याचिका सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत ही स्वीकृत कर ली है, जो हमारे महान पुण्योदय का संकेत है। प्रस्तुत अंतरिम याचिका, तीर्थरक्षा के शुभ प्रयासों को मजबूती प्रदान करे, ऐसी प्रभु के चरणों में प्रार्थना।
३१ जुलाई २०२४ के दिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई प्रारंभ होने की शक्यता है। उस दिन सकल जैन धर्मावलंबी अधिक से अधिक मंगलकारी आयंबिल आदि तप और जप द्वारा सूक्ष्म बल निर्मित करे।
(गच्छाधिपति आचार्य विजय युगभूषणसूरि)